मिस्टर ब्लैक:—ए डार्क सुपरहीरो [5]
रात्रि के उस समय जब इंसान तो क्या जानवर भी बाहर नहीं निकलते तब एक युवक और युवती अंधेरे का सहारा लेते हुए धीमे कदमों से अपने घर से बाहर निकल रहे थे। उस युवक की आयु तकरीबन अठ्ठाइस वर्ष थी और युवती की आयु तकरीबन बाइस वर्ष थी। उस युवती की गोद में एक नन्हा बच्चा था जिसकी आयु एक महीने से ज्यादा नहीं थी।
युवक ने घर के दरवाजे पर अच्छे से ताला लगाया और आखिर बार उस घर को देखा जहां वह बचपन से रहता आया था। उसके लिए काफी मुस्किल था अपने पुस्तैनी घर को छोड़ना लेकिन अपनी पत्नी और बच्चे को बचाने के लिए उसका ऐसा करना जरूरी था।
"हमे उन लोगों के आने से पहले यहां से निकलना होगा शिव। जल्दी चलो यहां से।"" उस युवती ने अपने पति शिव से कहा जोकि अभी भी अपने घर को देख रहा था। उसकी आवाज में बेचैनी और डर साफ तौर पर महसूस किया जा सकता था।
"अब हम यहां से चलते हैं सौंदर्या। ये जगह अब हमारे और हमारे बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं रही।"" इतना कहकर शिव ने अपने मासूस से बच्चे का माथा चूमा और फिर वह अपनी पत्नी को लेकर अंधेरे का सहारा लेकर वहां से गायब हो गया।
उनके जाने के कुछ समय बाद अंधेरे से कुछ नकाबपोश प्रकट हुए। अंधेरे में उनकी आंखे खूंखार ढंग से चमक रही थी। कुछ क्षण बाद अंधेरे में से एक और शख्स प्रकट हुआ। उस शख्स के शरीर से स्याह ऊर्जा अग्नि की लपटों के रूप में बाहर निकल रही थी।
उस शख्स को देखकर बाकी नकाबपोशों ने उसके सामने अपना सिर झुका लिया।
"जाओ और उन दोनो को पकड़कर मेरे सामने लेकर आओ।"" उस शख्स ने अपनी खूंखार आवाज में उन नकाबपोशों को आदेश देते हुए कहा। वे सभी नकाबपोश उस दो मंजिला घर के सामने पहुंच गए जिसके दरवाजे पर ताला लगा हुआ था।
"यहां तो ताला लगा हुआ है लॉर्ड डेविल।"" उनमें से एक नकाबपोश ने डेविल से कहा जोकि आस पास का जायजा ले रहा था।
"इसका मतलब वे लोग यहां से भाग गए। लेकिन वे भागकर जायेंगे कहां?"" डेविल शैतानी हंसी हंसते हुए बोला। तभी अचानक उसके हाथ से हरी रोशनी प्रकट होने लगी। इससे पहले वहां मौजूद नकाबपोशों में से कोई कुछ समझ पाता, एक जोरदार धमाके के साथ वह दो मंजिला घर चकनाचुर हो गया।
"जाओ और ढूंढो उन इंसानों को। उन्हें यहां से निकले हुए अधिक समय नहीं हुआ। मुझे वो बच्चा चाहिए।"" डेविल के इतना कहते ही बीस की संख्या में मौजूद वे सभी नकाबपोश शिव और सौंदर्या को ढूंढने के लिए इधर उधर फैल गए।
शिव और सौंदर्या सड़क पर बड़ी तेजी से भागे जा रहे थे की तभी अचानक सौंदर्या का पैर मुड़ गया और वह सड़क पर गिर गई। बच्चे के ऊपर उसकी पकड़ मजबूत थी इसलिए बच्चा गिरने से बच गया।
"तुम ठीक तो हो सौंदर्या!"" शिव सौंदर्या के पास बैठते हुए बोला। उसने सौंदर्या के पैर को देखा तो वह सूजकर बुरी तरह से नीला पड़ चुका था। दर्द सौंदर्या के चेहरे पर साफ झलक रहा था लेकिन वह उसे छिपाने की कोशिश कर रही थी।
"उठने की कोशिश करो सौंदर्या। हमे जल्द ही किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचना होगा।"" शिव ने सौंदर्या को उठाने की कोशिश की लेकिन उसके पैर का घाव इतना गहरा था की लाख कोशिशों के बावजूद भी वह उठ नही पा रही थी।
"तुम मेरे बच्चे को लेकर चले जाओ शिव। इस वक्त इसका बचना ज्यादा जरूरी है।"" सौंदर्या पीड़ा से करहाते हुए बोली।
"लेकिन मैं तुम्हे अकेला कैसे छोड़ सकता हूं जबकि तुम्हे सबसे ज्यादा मेरी जरूरत है।"" शिव सौंदर्या को वहां अकेले छोड़कर जाने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था और सौंदर्या ऐसी हालत में चल नही सकती थी। शिव ने सौंदर्या की गोद से बच्चे को लिया और वह वहां से जाने लगा। वह कुछ दूरी तय ही कर पाया था की तभी उसे गोली चलने जैसी आवाज सुनाई दी और उसके बाद धम्म जैसी कुछ गिरने की आवाज आई।
उसके मन में एक अनजाना डर घर कर गया। वह तय नहीं कर पा रहा था कि पीछे मुड़कर देखे या वहां से भाग जाए। फिर उसे अपनी पत्नी सौंदर्या की याद आई। उसने जैसे ही पीछे मुड़कर देखा तो सौंदर्या बिल्कुल सीधी खड़ी थी। स्याह ऊर्जा के हमले के कारण उसके पेट में एक बहुत बड़ा छेद बन गया था जिसके आर पार सब कुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा था। सौंदर्या का शरीर निर्जीव होकर जमीन पर गिर पड़ा।
इस दृश्य को देखकर शिव पत्थर की तरह जड़ हो गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी पत्नी सौंदर्या उसे हमेशा के लिए छोड़कर चली गई थी। तभी उसका ध्यान नकाबपोशों की तरफ गया तो वह पूरा मामला समझ गया। दरअसल नकाबपोशों के निशाने पर सौंदर्या नही वह खुद था क्योंकि बच्चा उसकी गोद में था। लेकिन जैसे ही सौंदर्या को इसका पता चला, वह शिव के सामने खड़ी हो गई और शिव को मारने के लिए किए गए हमले का शिकार वह हो गई।
शिव सौंदर्या के पास जाना चाहता था लेकिन इस वक्त उसके लिए उसका बच्चा जरूरी था जोकि उसकी गोद में सो रहा था। शिव तुरंत पलटा और वहां से भागने लगा। शिव जानता था की उसका बचना नामुमकिन है लेकिन वह अपनी सौंदर्या की आखिर निशानी को भी बचाना चाहता था। वह लगातार भाग रहा था और अपने ही विचारो में खोया हुआ था की एक प्रकाश पुंज उसकी पीठ से टकराया और वह लड़खड़ाकर जमीन पर गिर गया। उसके जमीन पर गिरते ही बच्चा भी छिटककर कुछ दूर जा गिरा। जैसे ही शिव ने सामने की ओर देखा तो उसके रोंगटे खडे हो गए।
सामने डेविल खड़ा था जिसके शरीर से स्याह ऊर्जा निकल रही थी। उसका बच्चा डेविल से कुछ ही दूरी पर जमीन पर पड़ा था। बच्चे की आंख खुल चुकी थी लेकिन वह रो नही रहा था ??
🤫
10-Dec-2021 04:43 PM
कहानी वाकई रूचिदायक मोड़ पर जा रही है।शैडो, ब्लैक और शैडो लैंड... जबरदस्त...
Reply
Arman Ansari
02-Dec-2021 05:17 PM
Mene ap ki kahani ke hr part pada h vakai me ak behtari kahani h mujhe shuk to nhi jada kahaniyo ka pr apki pakhandi thodi ji hi padi to achi lagne lagi pure hi pad likhe ak acha lekhak wahi h jo apne lekhan se pathak ko majbur kar de puri kahani padne ko ye hunar ap ko bahut khoob ata h thx mujh se se ko bhi apni kahani padhane ke liye Ab to lagta h mujhe bhi kahaniya padni chahiye achi hoti h Agla part kb ayega mam iska ak bar me jabhi part post kar do aj hi pad luga sb
Reply
Aakansha Rathour
01-Jun-2022 09:19 PM
सबसे पहले तो क्षमा चाहूंगी कि इतने समय बाद आपका कॉमेंट पढ़ा। इस तरह की कहानियां लिखने में काफी मेहनत लगती है लेकिन रीडर्स की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती .....इसलिए अब लिखने का भी मन नहीं होता😅
Reply